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अगर तुम साथ हो: रिश्तों की सौदेबाजी

उत्तरभारत मे आज भी अदला-बदली कुप्रथा प्रचलित है। राजस्थान और पश्चिमी उत्तरप्रदेश के ग्रामीणांचल में आटा-सांटा प्रथा आज भी देखने को मिलता हैं। इसके अन्तर्गत एक परिवार में किसी लड़के की शादी करनी है तो उस परिवार की भी एक लड़की की शादी उसके ससुराल में करनी होती है। जिन परिवार मे लड़किया नही है, उनके लड़को की शादी नही हो पाती हैं। लैंगिक असमानता के कारण शुरू हुई इस प्रकार की रिश्तों की सौदेबाजी और भयावह हो जाती है, यदि दोनो में से कोई रिश्ता भविष्य में टूटता है, तो दूसरे को भी तोड़ना पड़ता है। इस सौदेबाजी की शिकार महिलाएं या तो डिप्रेशन (अवसाद) की शिकार हो जाती है यहाँ तक आत्महत्या भी कर लेती हैं। ************************* मैं ये घोषणा करती हूँ कि ये कहानी पूर्णतया स्वरचित है और इसके सभी पात्र काल्पनिक है।  मानवीय भावनाओं और संवेदनाओं से ओत-प्रोत आटा-सांटा विवाह प्रथा के इर्दगिर्द घूमती एक काल्पनिक प्रेम कहानी है। ये तीन बहनों और उनके इकलौते भाई के मानवीय संवेदनाओं की कहानी है। मानव स्वरा से कह रहा था "तुम्हारे साथ होना ही मेरी सबसे बड़ी तकलीफ का कारण है।" जब मेरी और तुम्हारी शादी तय हु